Monday, March 26, 2018

अवार्ड ....।

अवार्ड ....।
रात में इस फोटो से कई लोगों ने सवाल किया था कि ये क्या फंक्शन है तो मुझे लगा कि फोटो के साथ के सवालों का जवाब दे दूं। वर्ल्ड एसोशिएसन ऑफ डिटेक्टिव्स ( वर्ल्ड की प्राईवेट डिटेक्टिव्स की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी संस्था है । 110 देशों के सदस्यों की इस संस्था का 92वां अधिवेशन दिल्ली में हुआ) की ओर से ये अवार्ड दिया गया है। हॉल लिपसेट मैमोरियल ट्रूथ इन एक्शन अवार्ड है। मैं अवार्ड लेने से बचता रहा हूं और क्यो, इसका अहसास मुझे रात में भी हुआ। बेहद नर्वस हो कर मैं समझ नहीं पा रहा था कि मुझे क्या कहना चाहिए क्योंकि मैंने जो कुंवर विक्रम सिंह जी कहा था कि मैं जिस काम की सैलरी लेता हूं उस काम का अवार्ड नहीं लेता हूं और वो उन्होंने स्टेज पर अतंर्राष्ट्रीय जासूसों के बीच में ही बोल दिया। कुंवर साहब की जिद और महेश वर्मा जी का आग्रह था कि वो ये अवार्ड आप को ज्यूरी के सलेक्शन के बीच दिया है किसी के कहने पर नहीं। और इस तरह से मैं पहली बार स्टेज जाकर अवार्ड ले पाया। अवार्ड लेना काफी हिम्मत का काम है शायद स्टोरी करने से भी ज्यादा। क्योंकि आप जिन लोगों के बीच अवार्ड ले रहे हो उनकी सारी निगाहें आप पर हमेशा रहती है। और उस अवार्ड का वजन भी आपको हमेशा याद दिलाता रहता है कि आपसे क्या उम्मीद की जाती है।इसी लिए मुझे रात में भी लगा कि साहब हमारा काम फील्ड में ही ठीक है स्टेज हमसें अलग चीज है। लेकिन एक अलग अनुभव था। शुक्रिया आप सभी दोस्तों का।

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