बोरियावी गांव में महात्मा गांधी जी 16 मार्च 1930 को दांडी यात्रा के 5वे दिन आये थे। अपने ऐतिहासिक भाषण में गांधी जी ने कई बात कही और अछूत समस्या और शराबबंदी पर जोर दिया। आज उस के 87 साल बाद मैंने उस गांव में लोगो से बात की तो आज गाँव में वीनुभाई जिन्हे गांव आज गांधी के नाम सकय बुलाता है उन्होंने एक सवाल के जवाब में सब कुछ कह दिया। शुक्रिया बीनू भाई। किसी को गांधी को लेकर सोचने की ज़रूरत नही देश की रगों में गांधी है।
कुछ तो होगा / कुछ तो होगा / अगर मैं बोलूँगा / न टूटे / तिलस्म सत्ता का / मेरे अदंर / एक कायर टूटेगा / टूट मेरे मन / अब अच्छी तरह से टूट / झूठ मूठ मत अब रूठ।...... रघुबीर सहाय। लिखने से जी चुराता रहा हूं। सोचता रहा कि एक ऐसे शहर में रोजगार की तलाश में आया हूं, जहां किसी को किसी से मतलब नहीं, किसी को किसी की दरकार नहीं। लेकिन रघुबीर सहाय जी के ये पंक्तियां पढ़ी तो लगा कि अपने लिये ही सही लेकिन लिखना जरूरी है।
Monday, March 26, 2018
गांधी को भूलना भी चाहे तो भी देश गांधी को भूल नहीं सकता। वीनू भाई।
बोरियावी गांव में महात्मा गांधी जी 16 मार्च 1930 को दांडी यात्रा के 5वे दिन आये थे। अपने ऐतिहासिक भाषण में गांधी जी ने कई बात कही और अछूत समस्या और शराबबंदी पर जोर दिया। आज उस के 87 साल बाद मैंने उस गांव में लोगो से बात की तो आज गाँव में वीनुभाई जिन्हे गांव आज गांधी के नाम सकय बुलाता है उन्होंने एक सवाल के जवाब में सब कुछ कह दिया। शुक्रिया बीनू भाई। किसी को गांधी को लेकर सोचने की ज़रूरत नही देश की रगों में गांधी है।
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