अब त्रिपुर सुंदरी के दरबार में हाजिरी है। इस बार की यात्रा का मुकाम एक नहीं बल्कि कई पड़ाव है। पहले त्रिपुर सुंदरी को नमन फिर आगे बढ़ते है।
एकांत के झुरमुट में सदियां गुजर गईं। इंतजार इस कदर तन्हा कर बैठा कि आज भी इंतजार करता सा दिखता है। सात बहनों में खूबसूरती के साथ बेहद सादगी को समेट कर कोने में शांत सा त्रिपुरा देश का रत्न है। पहले भी त्रिपुरा आया लेकिन वो तो जैसे शहर तक आने के लिए पहुंच कर वापस जाने भर का था।
एकांत के झुरमुट में सदियां गुजर गईं। इंतजार इस कदर तन्हा कर बैठा कि आज भी इंतजार करता सा दिखता है। सात बहनों में खूबसूरती के साथ बेहद सादगी को समेट कर कोने में शांत सा त्रिपुरा देश का रत्न है। पहले भी त्रिपुरा आया लेकिन वो तो जैसे शहर तक आने के लिए पहुंच कर वापस जाने भर का था।
No comments:
Post a Comment