Monday, March 26, 2018

Dhirendra Pundir 
ज़िंदगी की पाठशाला में नए सबक़ के लिये फिर पाठशाला में।
यात्रा फिर से साथ चल दी। एक बार से फिर सच मुझे बतायेगा कि मैं कितना कम जानता हूँ अपने ही देश को।

No comments: