Dhirendra Pundir ·
ज़िंदगी की पाठशाला में नए सबक़ के लिये फिर पाठशाला में।
यात्रा फिर से साथ चल दी। एक बार से फिर सच मुझे बतायेगा कि मैं कितना कम जानता हूँ अपने ही देश को।
ज़िंदगी की पाठशाला में नए सबक़ के लिये फिर पाठशाला में।
यात्रा फिर से साथ चल दी। एक बार से फिर सच मुझे बतायेगा कि मैं कितना कम जानता हूँ अपने ही देश को।
यात्रा फिर से साथ चल दी। एक बार से फिर सच मुझे बतायेगा कि मैं कितना कम जानता हूँ अपने ही देश को।
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