मंदिर की घंटियां बजी
पुजारी उठे और चल दिए
मजदूरों के फावड़े चलते रहे
मस्जिद से अजान आई
मौलवियों ने वजू किया
मजदूरों के कुदाल चलते रहे।.
जमीन और आसमान देखते रहे
चाल और कुदाल
पुजारी उठे और चल दिए
मजदूरों के फावड़े चलते रहे
मस्जिद से अजान आई
मौलवियों ने वजू किया
मजदूरों के कुदाल चलते रहे।.
जमीन और आसमान देखते रहे
चाल और कुदाल
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