ये एक महान मंत्री के बयानों का भावार्थ है। बेचारे बीरेन्द्र सिंह को याद ही नहीं रहा कि वो सर चौधरी छोटूराम से कोई रि्श्ताे रखते है और किसानों के नाम पर पूरी जिंदगी राजनीतिक रोटियां सेंकते और खाते रहे है। लिहाजा मोदी सरकार अप ऐसे बेशर्म मंत्री को सामने किया है जो जिसका हाल ही में पता चला था कि वो एक उद्योगपति के याट्स पर फ्री में छुट्टी बिता रहा थ। इनकी कारस्तानियां काफी हो सकती है। लेकिन ये बात बात में अपने वकीलों से काफी ऐसी की तैसी करा देता है सबूत मांगते मांगते। मैें नाम इसलिए नहीं लिख रहा हूं क्योंकि मैंने इस आदमी की दसवीं की मार्क्सशीट नहीं देखी है जिसपर लिखी उम्र और नाम असली माना जाता है। और इन्होंने अपनी चुनौती मर्द आदमी के तौर पर दी है विपक्ष को। लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा हूं मोदी सरकार में बाकि मंत्री क्या है क्या वो मर्द के तौर पर कोई चुनौती दे सकते है या नहीं और बाकि महिला मंत्रियों का क्या होगा क्या वो चुनौती दे सकती है या नहीं।
"मैं मर्द आदमी हूँ..सबको ख़त लिखा है..आप तै करो प्लेटफार्म...मीडिया से लेकर कही भी...आपकी बात और सुझाव में दम है तो संसोधन होगा..लेकिन आप ड्रामा कर रहे है..बहस नही मार्च कर रहे है....आपके राज में किसानो ने आत्महत्या की.....गाव में बिजली नहीं है.., स्कूल नही...कर्ज में डूबा है..किसानो का सत्यानाश किया 55 साल में..
हम सुधर कर रहे है तो बवाल कर रहे है...13 एक्ट को आपने कंसेंट दिया और जब गाव की बात हो रही है तो आप विरोध कर रहे है...
हम गाव में रोजगार देंगे..गाव का विकास होगा..यही सपना मोदी जी और हम देख रहे है...लेकिन ये विरोध कर रहे है."
हम सुधर कर रहे है तो बवाल कर रहे है...13 एक्ट को आपने कंसेंट दिया और जब गाव की बात हो रही है तो आप विरोध कर रहे है...
हम गाव में रोजगार देंगे..गाव का विकास होगा..यही सपना मोदी जी और हम देख रहे है...लेकिन ये विरोध कर रहे है."
ये बेचारे मर्द आदमी है। मर्द आदमी कैसा होता है। इनको मालूम होगा। क्योंकि महिला होना क्या होता है। क्या कोई मर्द ये भी कहता है
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