Thursday, March 5, 2015

डिलिवरी ब्वॉय

कितनी तेजी से निकला वो बाईक वाला
रेडलाईट पर रूकना था
जरा सी देर में क्या बिगड़ जाएंगा
लड़के ने सुना नहीं
उसको आदत है इस बात की
ठीक रेड़ लाईट के बीच दूसरे गियर में गाड़ी डाल कर निकलने की
रेड लाईट पर रूके लोग अक्सर देखते है पीठ पर बैग लटकाएं लड़के को
लड़के को जल्दी है वक्त पर पहुंचने की
तो
फ्लैट में घड़ी ताक रहे लोगो को इंतजार है उस के लेट होने का
लेट होने से  ठंडा हो सकता है पिज्जा
ठंडा है तो बदमजा हो सकता है पिज्जा
बदमजा हो तो फ्री हो सकता है पिज्जा
पिज्जा फ्री मिलेंगा
कही से तो कटेगा
ये जानता है रेड लाईट पर दौड़ने वाला लड़का
लड़के की सैलरी पर नजर है मैनेजर की
मैनेजर का सौ फीसदी रिकार्ड है
कंपनी को जीताने का
और हारती है तो
लड़के की सैलरी कंपनी का एकाउंट नहीं
लड़के को मालूम है
एक असाईंनमेंट लेट करने की कीमत
घर का किराया
बाप के थके कदमों को उठाकर दरवाजों तक ले जाने की ताकत दवाई से आती है
रोज आसमान तक पहुंचती दवाई
और सैलरी में पुराना झगड़ा है
रूक जाती है सैलरी
चढ़ जाती है दवाई
मां को चाहिए घर का सामान
पिज्जे की खुशबू से ज्यादा
मादक होती है घर की रोटी
और मां के हाथ की सब्जी की महक
लेकिन जाने क्या है सब्जी कम होती  जाती है थाली से
क्योंकि इंटरनेशनल मार्किट में दाम बढ़ रहे है तेल के
और तेल कम नहीं करता खाड़ी से शेखों से लेकर
दिल्ली के शेखों की थाली की कीमत
मुद्रा का  अवमूल्यन
गिरा देता है लड़के और क्रेडिट कार्ड की कीमत
बहन को जरूरत है
नई ड्रैस की
कभी कहती नहीं
लेकिन आंखें लड़के की खुली है
बहन को गुजरना होता है ऐसी ही कई रेडलाईटों से
भूखी सी सैकड़ों हजारों निगाहों से कटते हुए
पब्लिक ऑटों का किराया भी बढ़ता है
और बढ़ता है लड़के का डर भी रोज रोज
 इसके अलावा फोन में बंद है
चार्ज कूपन
कीमत कितनी भी हो
दुनिया से बाते करनी है
दुनिया जाने क्यों दो आंखों में सिमट जाती है
कुछ तो गिफ्ट होगा
मिलना है शाम को कही भी
जिस पिज्जा को पहुंचाना है
वही खरीद कर खिलाना है
अरे इसका दाम भी तो रोज बढ़ता है सैलरी से ज्यादा
दोस्तों के साथ शेयर करना है पानी हो या बीयर
दोनो में से कोई चीज नहीं मिलती है फ्री
खुद भी तो चाहिए एक सही सा जूता
सेल में मिले या रिसेल में
जेब के खांचें में बैठता हो फिट
और सही से लग जाएं किक
घिसे हुए सोल से फिसलती है किक
और सूजन डाल देती है पंजें की हड्डी में
और ये सूजन निकाल देती है हवा पर्स की
किराया घर का हर तारीख पर देना है
बिल बिजली का सही समय पर देना है
खाना भी रोज ही चाहिए
कुछ तो खर्च होना ही है
बहाना चाहे जितना बनाईंये
मंडली दोस्तों की हो
या साथ
दुनिया की सबसे अलग आंखों का
 दोस्तों की जान रहना है
बहन का अभिमान रहना है
मां का स्वाभिमान रहना है
इसलिए ऐसी रेडलाईटों को तो रोज ही सहना है
जल्दी में कई बार अखबार के आखिरी पन्नें की खबरें छूट जाती है
पेज पर छपे गरीबों के मसीहाओं के बच्चों की शादी के खूबसूरत फोटों के ठीक नीचे
रेड लाईट पार करता हुआ एक डिलिवरी ब्वॉय एक्सीडेंट में कुचला गया
घंटों बाद पहुंची पुलिस ने जाम खुलवा दिया है।
शव की पहचान के लिए पिज्जा हटों से सपर्क में है  पुलिस।


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