रियल इस्टेट बिल को भी एक महान विजय के तौर पर दिखाय जाना शुरू हो गया है दोस्तों लेकिन एक मेजर बदलाव जो बिल्डर माफिया के लिए है वो है कि यूपीए के प्रपोस्ड बिल में जो उपभोक्ताओं की राशि में से 70 फीसदी रकम एस्क्रयू एकाऊंट में रखी जानी थी उसका प्रतिशत घटा कर 50 कर दिया है। इसको समझने के लिए ऐसे समझें कि पहली सरकार ने अपने बिल में प्रावधान किया था कि फ्लैट के नाम पर उगाही गई रकम का 70 फीसदी पैसा बिल्डर सिर्फ उसी प्रोजेक्ट के निर्माण के खातें में रखेगा जिसेक नाम पर ये पैसा लिया गया है और बाकि रकम को किसी दूसरे काम में इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन इस महान जनवादी सरकार ने इस प्रतिशत को घटा कर 50 फीसदी कर दिया है। यानि बीस फीसदी फायदा और बिल्डर लॉबी को दिया है इस बात का दर्द उस आदमी को मालूम होगा जिसने किसी प्रोजेक्ट में पैसा दिया होगा और बिल्डर ने उसे पूरा करने की बजाय दूसरे प्रोजेक्ट शुरू कर दिये होंगे। लेकिन ये कॉरपोरेट लॉबी के इशारों पर नाच रही सरकार की नई मिसाल है। और इसके फायदें गिनाने के लिए गड़करी जिंदाबाद है , जल्दी ही उसके बचन देश को सुनने को मिलेंगे जो किसी भी नेता और मीडिया को चुनौती देता दिखेगा।
हर बिल को इस तरह दिखाया जाता है कि देश के विकास की गंगा बस इस बिल से निकलने वाली है। पहले तो तंबाकू की फोटो छपने को लेकर चली बहस को देखिये। हर बात में दुनिया को दिखा देंगे, कम्यूनिकेशन क्रांति या फिर ऐसे भी पता नहीं कितने जुमले बीजेपी देश को घुट्टी में पिला रही है, और फिर काम देखों एक से एक अहमकाना बयानबाजी। तंबाकू के मसले में हितों के टकराव को लेकर जिस तरह सरकार ने नाटक किया वो किसी शानदार अभितनेता को भी दांतों तले उंगूलिया दबा देने के लिये काफी ही। दुनिया को अपना चौबारा बना देने वाले मोदी जी के वो फोटो शायद देश के ज्यादातर लोग भूल गएं होंगे जिनमें वो सासंदों से इंटरव्यू ले रहे थे। और इतने इंटरव्यू के ताम-झाम के बाद भी कोई श्यामाचरण गुप्ता टाईप सांसद बीड़ी किंग घुस गया ऐसी ही समिति में जिसे स्वास्थ्य पर अपनी राय देने थी। गजब का गड़बड़झाला लगा लेकिन ये अंधों या मूर्खों के गांव की हालत उन लोगो के लिए ही है जो पार्टी का असली चेहरा नहीं पहचानते। डॉक्टर हर्षवर्धन दिल्ली के ईमानदार नेता ही नहीं बल्कि एक कामयाब मेडीकल प्रेक्टीशनर भी है। उन्होंने आम जनता के लिए जिस फोटो को सिगरेट के पैकिट पर 40 फीसदी से लेजाकर 85 फीसदी करने का नियम बनाय था। सत्ता में आने के पहले दिन से ही कॉरपोरेट को दीवाली की मिठाईंया बांट रही सरकार ने न केवल मंत्रालय बदला फिर एक ढिंढोरची ला कर बैठा दिया जिसका काम क्या है ये हमको मालूम नहीं है, लेकिन हल्ला मचा और फिर 85 फीसदी के छपने वाली तस्वीर को अफवाहों और खबरों के बीच झूल रहे मीडिया के मुताबिक महान नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने साठ फीसदी की अनुमति दे दी है। यानि भ्रष्ट्र नेता और देश के लाखों लोगो को हर साल मौत की नींद सुलाने वाले तंबाकू कॉरपोरेट को 25 फीसदी का फायदा हो गया है कि नहीं। बताओ तो जरा किसको फायदा हुआ दोस्तों नायक की छवि बची रही और मालिको का फायदा। मौत के मुंह में जा रहे लाखों लोगों के परिजन कफन ढ़ूढ रहे होंगे अपनों के लिए हो सकता है जल्दी ही मन की बात में उनका दर्द निवारण हो।
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