Friday, September 4, 2015

अयलान का यूं जाना
एक तस्वीर अगर कयामत को बता सकती है तो फिर ये वही तस्वीर है। आप की आंखों के सामने एक तीन साल का बच्चा बेहद खूबसूरती से संवारें हुए बाल, मां के प्यार से पहनाएं हुए कपड़ों और लंबे सफर के लिए पहनाएं गए जूतों के साथ समुद्र के पास सो रहा है। दिखने में लगता है कि शरारत से समुद्र के किनारे लेटा हुआ बच्चा इंतजार कर रहा है कि कब मां अपनी गोद में ले ले। लेकिन ये नींद अब कभी नहीं खुलेगी।  ये वो आखिरी नींद है जो अयलान को सौ साल बाद आनी थी। एक बेहद मासूम बच्चे की लाश  का वजन समुद्र को भी बेहद भारी लगा। बेहद शाईस्तगी के साथ समुद्र की लहरे भी अयलान को जिंदा तो नहीं लेकिन मुर्दा हालत में उसी किनारे के पास छोड गई जहां इंसानों पर अयलान को जिंदा रखने की जिम्मेदारी थी।  अयलान की मां और बड़े भाई को समुद्र ने अपनी लहरों में कही छिपा लिया लेकिन अयलान की मासूमियत से पिघली लहरों ने अयलान को शायद बचाने की आखिरी कोशिश की होगी। क्योंकि पहली कोशिशें तो बाप- मां एक युद्द से तबाह जमीन से दूसरे देश में पनाह लेने की थी। अयलान महज तीन साल का था। इन तीन सालों में खींची गई उसकी तस्वीरों ने मां-बाप के सीने में प्यार की लहरे पैदा की थी। तो अयलान की ये आखिरी तस्वीर पूरी दुनिया के दिलों में एक खौफ पैदा कर रही है। शांत लेटे अयलान की चीख सारी दुनिया के कानों के पर्दों को चीर रही है। एक प्यार में लिपटा हुआ दर्द। दुनिया के इतिहास में ऐसे कई मौके आए जब किसी एक तस्वीर ने इंसान के शैतानी चेहरे को दुनिया के सामने नुमाया किया। लेकिन आतंकवाद और आपसी युद्दों में उलझी दुनिया के चेहरे पर ये तस्वीर उसकी नंगई का अब तक का सबसे बड़ा सबूत है।

No comments: