Saturday, September 19, 2015

मैं चला जाऊंगा ...........................

 हवाओं में कुछ नहीं मिलेगा मेरा
रास्तों पर किसी निशान से पहचान नहीं पाओगे मुझे
कही कोई रास्ता गवाही नहीं देगा मेरे होने की
किसी फूल में खोज नहीं पाओंगे मेरी मुस्कान
उगते हुए चांद से नहीं आएंगी मेरी याद
न ही सूरज की तपिश से अहसास कर पाओगे मेरा ताप
मैं अभी हूं
अपना सा होने के लिए
मैं चला जाऊंगा
तो
कही नहीं पाओंगे मुझे
जीना है तो चले आओ
इस पल में ही जीने के लिए।

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