"अगर सरकार किसी से डरती तो वो जेल के अंदर होता है।" कुछ ऐसा ही बयान दिया है बाबा (रामदेव) के आंदोलन के बारे में कांग्रेस के कारामाती महासचिव दिग्विजय सिेंह ने। अमरसिंह के नये अवतार है दिग्विजय सिंह। बेचारे जबां की खारिश की चपेट में है। सोचते है कि वो जो बोलते है वो गजब का होता है। एक के बाद एक बयान देश सुन चुका है। मध्यप्रदेश को छोड़कर दिग्विजय की पहचान देश में राज कर रही पार्टी के महासचिव की है और मध्यप्रदेश में कांग्रेस को एक पार्टी के तौर पर राज्य से गायब करने की। सारे वक्तव्य याद दिलाने की जरूरत नहीं है। दिग्विजय का मुंह मीडिया का कैमरा देखते ही खुल जाता है इसके बाद आपके मुंह से जो निकले वो ही खबर है। सो इस बार भी खुल गया। और देश की उस जनता के सामने जो दिग्विजय में एक मसखरें को देखती एक नया मसाला मिल गया।
ये सरकार भी गजब की है। एक दो नहीं चार-चार मंत्री बाबा रामदेव का स्वागत करने एअरपोर्ट पहुंचते हैं। बाबा रामदेव के साथ वार्ता करते है। उनसे आंदोलन वापस लेने के लिए बात करते है। उसी पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह बयान जारी करते है कि योग गुरू के नाम से प्रसिद्ध रामदेव को योग नहीं आता है। दिग्विजय को लगता है बाबा खुद अरबपति हो गये और गरीबों की बात करते है। बेचारे दिग्विजय की परेशानी है कि बाबा ने माल काट लिया और हिस्सा भी नहीं मिला।
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