Tuesday, March 17, 2009

मैं झूठ बोलता रहा

तुमने (राजनेता)
कहा आग
मैंने कहा जला देगी
नहीं तुमने इशारा किया,
मैंने कहा रोटी पका देगी
तुमने कहा पानी
मैंने कहा बहा देगा
तुमने इशारा किया
मैंने कहा जीवन देगा
तुमने कहा हवा
मैंने कहा उडा देगी
तुम्हारा इशारा
मैंने कहा सांसे देगी
तुमने कहा जमीन
मैंने कहा उलट जायेगी
इशारा तुम्हारा था
मैंने कहा घर देगी
तुमने कहा आसमान
मैंने कहा फट जायेगा
तुमने इशारा किया
मैंने कहा छत देगा
तुम्हारे कब्जे में आग, हवा, पानी ,जमीन और आसमान आया
आग ने तुम्हारी रोटियां पकाई
हवा ने तुम्हारी सांसे बढ़ाई
पानी आनंद दिया
जमीन पर महल खड़े किये
और आसमान में हवाई जहाज उडाये
मैं चिल्लाया
तो तुमने कहा झूठ
और कोई इशारा नहीं था
आग से जली, हवा से महरूम, पानी से तरसती,
बेघर, धूप से तपती जनता चिल्लायी
सच
मैं उनके लिये जनता से झूठ बोलता रहा।

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