देश के मीडिया में टीम अन्ना और सरकार के बीच की अंताक्षरी चल रही थी। मुझे लग रहा था ऐसा कुछ भी है जो कमरों और फाईलों के अंदर चुपचाप चल रहा होगा। सरकार के सेक्रेट्रीज ने रिटेल में एफडीआई को बिना किसी शोरशराबे के पास कर दिया। मीडिया को इतना बड़ा फैसला दिखा नहीं या जानबूझकर देखा नहीं- दोनों बातें अलग है। मेरा मत है जानबूझकर देखा नहीं। और अब मंत्रिमंडल ने भी इस बिल को मंजूरी दे दी है। चार करोड़ लोगों के रोजगार को खत्म करने और उस पर पलते बीस करोड़ हिंदुस्तानियों को भिखारी की हैसियत में लाने की दुर्भावनाओं से भरे बिल को मंजूरी। एनआरआई और कॉरपोरेट घरानों के इशारों पर नंगा नाच करती हुई दिख रही है सरकार। नूरा कुश्ती लड़ते हुए बेशर्म जातिवादि नेता विपक्ष में होने का माखौल उड़ाते हुए। लेकिन इस बिल की पृष्टभूमि आंदोलन के समय ही रख दी गई थी और मुझे लगता है कि ये बात मुझे जरूर करनी चाहिये।
केजरीवाल और किरण बेदी की टीम के साथ उत्तर भारतीयों के लिए अजनबी अन्ना हजारें रामलीला मैदान पर धरना दे रहे थे। लहराते हुएं तिरंगे के बीच अन्ना और बाद में नामित हुई टीम अन्ना के लोग हुंकार भर रहे थे। देश के मीडिया के फन्नें खां रामलीला मैदान को अपने ज्ञान और जोश के जज्बें से सराबोर कर रहे थें। देश के युवा अभिव्यक्ति के नये माध्यमों से इस पूरी मुहिम को अंजाम देने में जुटे थे। भ्रष्ट्राचार में आकंठ डूबे भावुक नौकरी पेशा लोग पूरी तरह से आंदोलित थे। टीवी चैनलों के ज्ञानी पत्रकारजन कदमताल करते हुए भीड़ का आकलन कई गुना कर रहे थे। इस दौरान सबसे खास बात थी कि इस शोर में विवेक की आवाज नहीं थी। जो भी आवाज गूंज रही थी वो या तो समर्थन में अंधी थी या फिर विरोध में। लेकिन इस पूरे माहौल को बनने से पहले ही मेरे एक दोस्त ने धीरे से कहा था कि देश का युवा अगले चार-पांच महीने बाद एक सामूहिक अवसाद में डूबने वाला है। बेहद अजीब सी प्रतिक्रिया थी। इस बारे में किसी से कोई शब्द सुना नहीं था। ये बात लगभग चार अप्रैल की थी। जंतर-मंतर पर धरने की तैयारी चल रही थी। मैंने उस दोस्त से बात को थोड़ा स्पष्ट करने को कहा। उसका आकलन था देश में भ्रष्ट्राचार से आदमी परेशान है। मीडिया के पूरी तरह कॉरपोरेट के हाथों में खेलने या फिर उनके साथ साठ-गांठ करने के बावजूद कभी-कभी समीकरण गड़बड़ाने के चलते खबर छप ही जाती है। ऐसे में जो सूचना आम आदमी तक कानाफूंसियों के माध्यम से जाती थी अब वो सीधे पहुंच रही है। और उसके पहुंचने का समय भी बहुत कम हो गया। ऐसे में आम आदमी का रियेक्शन भी बहुत तेजी से आ रहा है। इतनी उथल-पुथल के बीच ऐसे आदमी जिनका कार्य अपर मीडिल क्लास का रहा हो या फिर जिनकी जिंदगी ऐओ-आराम से कट रही हो वो लोग भ्रष्ट्राचार से परेशान लोगों के नायक बनकर कदमताल कैसे कर सकते है। देश के युवा के पास इस वक्त कोई आदर्श नहीं है। मनमोहन सिंह और मोंटेक सिंह अहलूवालिया जैसे नायकों ने देश में आजादी से पहले और आजादी के बाद का अंतर ही खत्म कर दिया। आंदोलन को देख कर देश का युवा जरूर आदर्श की तलाश में इससे जुडेगा। युवाओं के लिए देश और परदेश में अंतर नहीं रह गया है और उसको हॉलीवुड की फिल्मों और देश के टीवी मीडिया से उपजी देशभक्ति की नयी धारा कि मौका मिलते ही तिरंगा लहराओं की धारणा को मजबूत करने लिए तेजी से इस आंदोलन के साथ जुड जाएँगा। लेकिन जैसे ही इस आंदोलन में शामिल लोगों की हकीकत सामने आएंगी वो तेजी से अवसाद में चला जाएंगा। मेरे दोस्त की बातों का आधार था 1975 का जेपी मूवमेंट और उसके रणबांकुरों की गाथा। आय से अधिक संपत्ति के आरोपों से घिरे लालू यादव महज जातिवादी राजनीति का एक चेहरा भर है। कभी भदेस बातों और पहनावे से अपने आप को गरीब जनता से जोडने वाले लालू यादव अपने गालों की चमक भर देख ले तो खुद शीशे से मुंह मोड़ ले। फिर दूसरा युवा आंदोलन हुआ वीपी सिंह का भ्रष्ट्राचार विरोधी मामला। लेकिन इस सफल लड़ाई का अंत हुआ मंडल के नाम पर उभर आएं जातिवादी राजनेताओं के हुजूम को ताकत मिलने से।
जेपी मूवमेंट के जहां महज 15 साल बाद जहां दूसरा आंदोलन खड़ा हो गया था वहां पूरे 22 साल लग गए दूसरे आंदोलन से जुड़ने वालों युवाओ की पीढ़ी सामने आने में।
इस आंदोलन को लेकर अपनी राय रखने वाले मित्र की राय आंदोलन का नेतृत्व संभाल रहे केजरीवाल, किरणबेदी, प्रशांत और कुमार विश्वास के बारे में अपनी पुरानी जानकारियों के आधार पर थी। केजरीवाल खबरों में रहने के बेहद शौकीन है और उसके लिए कुछ भी कर सकते है किरण बेदी के खिलाफ अपनी बेटी के मेडीकल में एडमिशन के लिए मिजों कोटे का इस्तेमाल करने का आरोप था। दोस्त का कहना था कि जिस अन्ना को ये लोग खोज कर लाएं है उसका जादू कैमरों के आगे जबान खोलते ही टूट जाने वाला है। प्रशांत और शांतिभूषण की ईमानदारी पर सवाल उठाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उन लोगों ने यदि पूरा टैक्स भी ईमानदारी से दिया है तो उसकी कीमत भी अरब में है। ऐसे में 30 परसेंट टैक्स देने के बाद जो संपत्ति बची उसकी कीमत कई अरब रूपये होगी। क्या इतनी मोटी कमाई करने वाले लोगों को गरीब लोगों के कष्ट में कितना दर्द होगा ये तो आप समझ सकते है। मेरे मित्र का आकलन था कि ये आंदोलन अन्ना के टीवी कैमरों पर मुंह खोलते ही खत्म हो जाएंगा। टीवी चैनल्स ने अपने मुनाफे के लिए इस आदमी को जोकर में तब्दील कर देंगे। ऑन कैमरा और ऑफ कैमरा की जंग में एक दोयम प्रतिभा का आदमी सामने आ खड़ा होगा। तब इस पूरी लड़ाई के भेडियाधंसान में जाने का काम शुरू हो जाएंगा। किरण बेदी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद केजरीवाल के छुट्टियों पर घूमने औऱ उसका पैसा माफ करने की चिट्ठियों के बाद ये बात तो साफ हुई कि बौने लोग क्रांति का आह्वान कर रहे थे। क्रांति विफल हुई। टीम में एक गवैया गा रहा था होठों पर गंगा और हाथों में तिरंगा। बाद में पता चलता है कि कॉलिज में पढ़ाने की बजाय वो शख्स कवि सम्मेलनों और मंचों पर अपना वक्त गुजारता है। नोटिस जारी किया गया कॉलिज से। ये तमाम नायक जब सामने आयेंगे तो सरकार इनको पूरी तरह बदनाम कर देंगी। और फिर यूथ का वो बेशकीमती गुस्सा जो किसी भी देश की तकदीर बना सकता है जाया हो जाएंगा। अपने में घिर कर उस युवा को ये समझ नहीं आयेगा कि के उसको बेवकूफ किसने बनाया-बौने नायकों ने विदेशी ताकतों के इशारों पर एनआरआई की तरह व्यवहार कर रही सरकार ने या फिर हमेशा अपने को जनता की आवाज बताने वाले बौने से मीडिया ने। इसके बाद वो युवा अपने खोल में सिमट जायेगा और या फिर अवसाद का शिकार होकर रास्ता भटक जाएंगा। आज इस बात को खत्म हुए लगभग 7 महीने हो गये और लगता है कि दोस्त ने अपना आकलन कुछ ज्यादा ही सही किया था। एक बात और इस पूरी बातचीत के दौरान टीम अन्ना के एक साथी भी हमारे साथ थे जिनका ये मानना था कि जनता का दबाव उनके बौनों की लंबाई बढ़ा देगा। अब दोनों में किसका आकलन सही निकला ये आप सोच सकते है।
.मैं तो सिर्फ जर्मन कवि हांस माग्नुस एंत्सेंसबर्गर की एक कविता मध्यमवर्ग का शोकगीत से बात खत्म करता हूं..
हम फरियाद नहीं कर सकते/हमबेकार नहीं हैं/ हम भूखे नहीं रहते
/हम खाते हैं/ घास बाढ़ पर है/ सामाजिक उत्पाद/नाखून/अतीत/सड़कें खाली है/ सौदे हो चुके हैं/ साइरन चुप हैं/यह सब गुजर जायेगा/
मृतक अपनी वसीयतें कर चुके हैं/ बारिश ने झींसी की शक्ल ले ली है/युद्ध की घोषणा अभी तक नहीं हुई है/उसके लिए कोई हड़बड़ी नहीं है/
हम घास खाते हैं/हम सामाजिक उत्पाद खाते हैं/हम नाखून खाते हैं/हम अतीत खाते हैं/हमारे पास छिपाने को कुछ नहीं है/हमारे पास चूकने को कुछ नहीं है/ हमारे पास कहने को कुछ नहीं है/हमारे पास है/ घड़ी में चाबी दी जा चुकी है/बिलों का भुगतान किया जा चुका है/ धुलाई की जा चुकी है/आखिरी बस गुजर चुकी है/ वह खाली है/ हम शिकायत नहीं कर सकते/हम आखिरकार किस बात का इंतजार कर रहें हैं ?
61 comments:
IS POOREE DUNIYA ME EK AAP HEE VIDHWAAN HAIN ...BAQEE BHONSADCHOD HAIN! KYON?
Ye kya tarika hai , apni baat kahne ka? Aur agar gali deni thi to nam ke sath dete.
khud he aklan karte ho or khud he apne aap ko sahi batae ho ! aapka khena sahi but usme khami yeh hai ki nawjawan k pas bhi dimag vo sochta hai ki agr ki ! shyd apne gita nahi padi toh usme shri krishan kehte hai ki "hey arjun apna dhanush utao or jo samne khade hai unpe lagao, yudh bhumi me samne khada tumara koi nahi hai, ya toh karma me vishwas karo ya fir sadhu ban jao ".. toh is parakr yadi Araja se ladna hai toh hume use chal se he harana hoga !
nivedan hain ki aap aagey se apne koi vichar na likhe..
mainey abhi apne zindagi key kuch lamhey is chutiyapa ko padne mey barbad kar diye..
achha hoga isko delete kar dey..taki baki logo ka waqt bache..
You have a point but at the same time... उम्मीद पर दुनिया कायम है...
Lets put our efforts and energy where we think are best applied....
Hashiye par khade rehkar dusre ko chutiya bolna bahut asaan hai. Kabhi kuch on ground bhi karein. Arvind to IFS ki naukri chod kar aya, aap apni gulami se hi istifa dene ke sochein.
What's your contribution then ?
Criticizing is very easy, and our passion..
बड़े ही घटिया किसम के इंसान हैं आप! एक भी तथ्य नहीं दिया और जो लोग देश के लिए खून पसीना एक कर रहे हैं उन्हें गाली दे रहे हैं ! वाह किया दिलेरी है !
Agree with Sahil Jain and Divyansh - this blogger is out of his senses
Jiss kissi ko team anna ke political party banane se problem hai wo APNI G#@d Marao :P.
Hope for the best. We are with u guys :)
Boshri ke kutta sallle.. bhusa bhara hai tere dimag main toh apna dimag apne pass rakh, khali pili 10 min time barbaad kiya...
agar tere dimag main bhusa bhara hai toh kasi hospital main jakar ilaj kara ... faltu baat likhkar khali pili 10 min time barbad kya
thanks guys for posting such lovely comments..save my time :)
Dear bloger...
Aap ki wife ka kisi ke sath chakkar he kya?
Ya wife kisi ke sath bhag gayi he?
Bhenchod, Teri akl kya gaand me ghus gayi he lawde?
Tujhe political party & person ke dvara kiye gaye ghotale nahi dikhayi dete?
Team Anna agar desh ko ekjut kar rahi he,
Hamare liye aur aane wale Bharat ka future sudharne ke liye lad rahi he to Tujhe kya prblm he Bhai..?
Sath dene ke wajay Tu unka virodh kar raha he..
Ye bata, ye sab kahne ke liye Congress ne Tujhe appoint kiya he?
Digvijay Singh ya Salman Khurshid ka damad he Tu?
आपकी बात बिलकुल सही है और आज एक गांधीवादी सेकुलर कुत्तों का सच सामने आ ही गया , पार्टी बनाने दो इनको औकात सामने आ जायगी !
We have lot of detractors like you in our society. This class of people are either themselves corrupt or are benefited in someway from corruption and evil politics that goes on in the society. This class won't criticize the government or political parties, but will go to every extent possible to demean the efforts that go into reforming the society. Unfortunately, we people who support such reforms are powerless right now, else we would have shot people like you and your friend and this whole class who supports corruption.
mere khyal se iska writer sonia gandhi ka kutta hai jise itne bade ghotale nhi dikhai diye...ya fir kisi bika hua bhadwa hai jiski behan ko congressy chodte hai..
TU yuvak hai ya buddha hai, ye to pata nahi, lekin bohot hi bekar ka insaan hai.
Tu nahi ek hindustani hai, na is mulk mein rehne layak hai.
Tu wo gali ka kutta hai jo apne hi khujli se pareshan hai.
Ek kaam kar, Jaake kisi achhe se vetenary hospital mein injection lagwa le,
Kyuki tu to insaan bhi kehlane ke layak nahi hai.
Aur saabko hazmola baat, kyuki tera ek bhi line kisiko hazam nahi huwa.
Aur haan apne dost ko v khujli ka tika lagwana maat bhulna!
blog in bad taste. blogger spreading false information about the team leaders. youth today is as charged and as energetic regards this movement as he was , when the movement was at its peak. This itself gives a befitting reply to the blogger. blogger should apologize for the cheap words he has used for the honest persons like Kejriwal , kiran ji, kumar vishwash and Anna ji. Dont distort the education leave of Arvindji for a holiday of fun and frolic. and dont underestimate the power of honesty, truth and determination as is of Anna.Dont wait for some Angel to come and lead the agitation. It is right here and right now with the best possible team.. r u reading Mr. Blogger
I have never read such a bogus article. Total factless, nonsense and full of crap.
Shame on writer of this article. Chullu bhar paani le kar doob ja.....
This Bloger is surley very Corrupt or Congressian Madarchod..sale kuchh aisa likh jisme Sachaiyee ho or balanced ho.. Ab to sre ha BJP or Cogress Donu ki Lagg gaye Gand me AAg.
must read it..
ye blog keval congresi hi likh sakta hai kyu ki agar wo lokpal bill laya to sonia gandhi se lekar beni prasad verma tak jail me honge.so wo to kisi kimat pr paas nhi ker sakte.anna ko vikalp dena hi hoga taki aise logo ko aukat dikhai ja sake.aam aadmi isiliye support karta hai ki wo pareshan hai corruption se.maine khud hi passport ke liye more than 10000 kharch kiye original price hai 2500.agar aap puchenge aapne ghus diya hi kyu.to mai kahunga mere paas aapna kaam karane ka 1 maatr yahi tarika tha warna mujhe passport nhi milta.so i support anna hazare.kejariwal koi celebrity nhi hai jise camere pr rehna pasand hai wo voluntry retired hai aur koi charge nhi hai corruption ka wo 1 social worker hai.bhushan's and bedi agar corrupt hai to lokpal lakar unhe jail bhej dijiye(convey dis msg to your sonia ji) kumarvishwas poet hai proffessor post se chutti pt(even univ didnt send any notice).agar koi corrupt hai to lokpal lakr sabhi ko ander kr de even no1 have objection.
im requsting 2 writer plz read all reviews.its realy necessary 4 your career warna fir dukan band ho jayegi.ye yuva hai jo kisi awasad me nhi hai ye tmhare jaise bikke huye kutto se pareshan hai.im nt against or favor of any person bt i want corruption free society where evry can live happily
Please do something and then write.else just keep quiet.
Saale bhadve,agar likna he hai to apni maa behan ki chudai ki kahani likh..faltu bakwas nahi,...mera 10 minute waiste kiyj
is maa ke lode ko blogger kaun bana diya...
u r trying to misguide......nd hum itne ullu ni h..........
Good attempt to showcase that sector of population who comes under the category of "Chalta hai" or "Nothing will happen". It is always good to have optimistic view if we want to change something. To add to this, since you are a good writer and can really pick good words and place them in nice strings of writing, I really urge you or would say request you to use your potential to wake up the population that is in slumber. Give the other perspective also. Only by downgrading, nothing will work. I hope you do understand this.
all blessings for your writing but I would like to give more blessings if you will channelize your potential to do something great, which I am sure you can do so.
sir ...dipress to hum jarur hue hain.....but ye kehna ki IAC ki niyat mein koi khatas hai,ekdam galat hai!!
Things are uncontrolled ....but they will become in control one day.....Aap apni lines tab bhi jarur likhna!!
Kripya अपना munh और गांड बाँध कर बैठे वर्ण आपके साथ हादसा की संभावना है.
Regards
Indian Police
Hamesha achchi Hindi likhna sahi hona nahi hota. Apke vichar galat hain, aisa lagta hai ki prabhavit hain aur aap bhi badlaw na karenge aur na kisi ko karne denge.
Aap ko sharminda hona chahiye.! Jai Hind!
kutte bahan ke lode. agar desh ke liye kuch nahi kar sakta to bol mat
agge se aisi kuch likha to teri maa chod dunga
madharchod,bhen k lode wo bechara iitian, ex join commissoner income tax, jise na jane kitne award mil chuke hain bechara 9 din se bhuke payase baitha hua tha jantar mantar pe aur tu yahan maa chuda raha hai apni..
abe yar kon hai to jada bhasad mat de hum to anna ka shaath denge jo ukhaadna hai ukhaad lo
teri ma ki chut bhosadi ke sale yahan apni ma mat chudva
ye kya tarika hai apni bat kahne kya. agar kud pe bhrosa nhi hai to kam se kam is aandolan ko kamjor krne ke liye aise ghise pise blogs to na likho.yuvawo ki shkti ka aanklan apne thik se nhi kiya hai aur nahi apne un baune logo ka aanklan sahi dhang se kiya hai .ye andolan un logo ke liye hai jo puri tarah se corruption se preshan hai, anna hazare ko kahi se dhund ke nhi laya gya hai , aap maharastra ki history pade to jaldi smjh me aa jayega ki anna hazare ki history kya hai . aur jaha tak arvind ji , kiran bedi g aur prashant bhusan ki bat hai ye log yaha ki aam janat ke liye lad rahe hai aur apni awaz corruption ke virodh me utha rahe hai , mai aap se ek sawal puchta hu bharat desh me kitne i.p.s aur i.i.tians hai jo apna awaz utha rahe hai in bhrst netao ke khilaf, sab apna jeb bhrne me lage hai aur agr koi medium class aur garibo ki awaz puri duniya ki samne rakh raha hai to aap use criticise kr rahe hai. aap agar kuch nhi kar skte hai to please kisi bollywood actress ki adult blog likhne me apna time brbad kijiye wo famous hone ke liye jyada accha zariya hai .
Bas ek sawaal kerna khud sey. Kya kareney? aap kehaytey ho political parties corrupt hain. Anna bhi corrupt hain.. aapki gaand mein dum nahi hai kalam ghisney key alalva.. To kripya shaan baithey or jo kuch ker reha hai ussey aapna gyaan naa dein to ati kripa hogi..
hahaha. lagta hai Anna ke political alternative dene ke faisle se mata ji ke loyal bahut depression me chala gaya hai. Aur apne laghu mastisk ka bada istemaal kar raha hai. My suggestion to this fellow is that always consider that there are better brains than your rotten one in India.
i am really impressed with your insight into every ones personal lifes and their portrayal, you live in india and someone of the stature of an IAS officer(who we all know are filthy rich) and all you could find about him is that he likes to be in the limelight and that he wants to go on vacations? a septuagenarian who speaks with so much of conviction seems like a joker to you? lets assume all ur allegations are true, lets just say they all are tainted and have a lot of skeletons in their closet but the youth is not supporting them for what they 'are' but the youth supports them for what they are fighting for. Its the idea behind their agitation which has strike a chord in every indian who has lost all hopes of in the system. Same strategy was followed by congress who started targeting team Anna members and very smartly kept delaying the Lokpal bill. I feel they are heroes who have left the luxury of their homes and is sitting on a fast for me and if they form a party I'll fly down from whichever part of the world I am to vote for them.
Vote for Anna, vote for anti corruption...
bewkoof admi , sale tee jaise logon ko to rahul n soniya ki potty he khat rehna cahiye i think tune kuch jyada kha li hai jo bakwas kiye jaa rha hai
CONGRESS IS PLAYING ALL SORTS OF TRICKS FROM BLOCKING NEWS TO PASSING DIRTY COMMENTS FROM PPL(ARE THEY PEOPLE) LIKE (PIG)VIJAY SINGH. AM(BIKA) SONI. ITS A SHAME FOR THIS COUNTRY. 300 YEARS WE WERE SLAVE TO BRITISH AND NOW WE ARE SAME IN CONGRESS RAJ. ITS TIME TO SAY CONGRESSIYON BHARAT CHODO.
if you want to change the system,you have to be in the system
Anna team should ensure that a person,supported by them should not live a luxurious life(like present day politicians)& wl denounce all the facilities which are not extremely necessary in performing their duties & should always in touch with the electoral and live a life of common man.This approach must help the team to achieve the goal of a corruption free society.
Bewakoofi bhara article, hai aajkal blog kya mil gaya hai sab apne aap ko turram khan samjh rahein hai or jo mann main ataa hai likh dete hai.....
samay barbad kar diya pura....
Anna Hazare and Kejariwal ji Desh tatha Deshwasiwon ke Bhavisya hain ...Kiranbedi Susodia adia are the future of the nation, democracy and Indian citizen. Both front political as well as Social are essential, thirdly publically controlled economical front is the spinal cord to sustain like veda to Chanakya. Wit best wishes.
Yes.. The day has arrived.. When Anna ji realized that begging for corruption free India is useless. Government is deaf. They are worse than british rulers. At least british were smart enough to see the upcoming wrath of Indian youth. Congress, so comfortable in their own fairyland, just unable to see what people will do to them in 2014 elections.
As for your blog is concerned, I feel you are totally moron and you don't have the slightest of idea what our fellow countrymen want. I suggest you should quit writing and start working as a pimp of Soniya Gandhi.
Those people, there on Jantar Mantar, doind their best to make this country a better place. People gathered there, helping them with all they've got. We, FB users, sitting in our houses, barking on politicians like dogs and bitches but at least we know which is a better side and committed to cast our vote against corrupt people. You sir, are a bastard who criticizing the movement and indirectly supporting corrupt government and for this, you would be considered an impotent in the history books.
Jay Hind
kitne paise mile hai congress se ,padamshree ki ummid me ye ghatiya bog likha
kitne paise mile hai congress se ,padamshree ki ummid me ye ghatiya bog likha
AAp jaante ho kya in logo ke baaremain sirf article main ninda karnese aap vidvan nahin ho jaate. Anna hazare 12 anshan kiye apni desh ke liye
arvind kejriwal formar iit kharagpur, an irs officer works for RTI
kiran bedi first woman ips officer
toh bhaiyya pehele inke jitna padho ya anna se jyaada anshan karke dikhao baadme apna ye chutiye jaisa article publish karna jaa congress ki gaand jaake chaat
AAp jaante ho kya in logo ke baaremain sirf article main ninda karnese aap vidvan nahin ho jaate. Anna hazare 12 anshan kiye apni desh ke liye
arvind kejriwal formar iit kharagpur, an irs officer works for RTI
kiran bedi first woman ips officer
toh bhaiyya pehele inke jitna padho ya anna se jyaada anshan karke dikhao baadme apna ye chutiye jaisa article publish karna jaa congress ki gaand jaake chaat
With the kind of turn that the movement seems to be taking now, what you said has in a way come true.
Change is the only constant, I only hope that it should be for the better. As of now, we are all stuck into a morass with no way out !
Team Anna ke samarthan mein apni shabdo se apni parvarish ka parichay dene wale ye samarthan kis jankari ke aadhar par de rahe hain itni shisht deshbhakt bhasha mein?
Bhasha se hi pata chal raha hai kaisa dimag hai sahi galat ka fark karne ke liye.
Only thing i enjoyed is the comments of the readers...It is important to read this useless, stupid article and only then you'll enjoy the valuable comments...
your post is like bullshit....
no one i perfect in this universe, but goodness over badness makes good person... puri team anna k andar kamiyan ho sakti hai but unki kamiyan unkiachhaiyon se lakh guna jyada hai so... i n you must also dont c them with suspect.
kya bakwaas likha hai yaar... saara youth saraa india jaag gya hai... aur kya chahte ho.. -ve thinking beta
Waah Waah Youth of Bharat...
Yehi sahi ahinsak tarika hai logon ko sudharne kaa... Or Naya Desh Banane kaa...
Together we can AND we would...
Jai Ho...
Waah Waah Youth of Bharat...
Yehi sahi ahinsak tarika hai logon ko sudharne kaa... Or Naya Desh Banane kaa...
Together we can AND we would...
Jai Ho...
kamal karte hain bhai saab aaap bhi ! Match fixing ke bad rajneeti fixing ?? woh bhi itne grand predictions !! ap logo ko to king maker hona chaiyee na ke koi gahtiya blogger ... ap log to sab kuuch advance mein he jan jate hain... especially apke woh dost - naye jaamane ke nastredamas.. unko to chaurahe pe buula ke do char dena chaiye kan ke neeche... to aur bhi grand predictions nikalenge...
DEAR BLOGGER,
I WANT TO INFORM YOU THAT YOU CAN FUCK YOUR ASS BENDING FORWARD.
I HOPE YOU ARE READING IT.
THANKING YOU
YOUR SINCERELY
A COMMON MIDDLE CLASS MEN
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