आंख और आईने में फर्क होता है,
आंखों में मोहब्बत होती है
नफरत होती है,
आईना लकींरे दिखला देता है,
आंखों में लकीरे लिखावट में बदल जाती है।
आईना न सुंदर देखता है,
ना मेरी बदसूरती पर बिसूरता है,
दिखला देता है जो भी आईने के सामने है
खुला ..
लेकिन आंखों में दिख सकता है इश्क भी
अश्क भी,
बस एक चीज जिसके लिये मुझे तुम्हारी आंखे नहीं आईना चाहिये
मेरी उम्र,
आईना बता देता है सही सही
लेकिन तुम्हारी आंखों में नमी आ जाती है
1 comment:
सच ही कहा है आइना सब कुछ साफ़ साफ़ दिखा देता है
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