Wednesday, October 22, 2008

सटोरियों की जय-जय, लुटेरों की जय-जय
देश के सटोरिये संकट में है। देश के प्रधानमंत्री की नींद टूट गयी है। वित्त मंत्री अचानक रूआँसे नजर आने लगे है। एक-एक दिन में सटोरियों की संपत्ति गायब होने लगी है। क्या होगा देश का। शेयर बाजार गिर गया है धड़ाम से। तमाम मीडिया रोने पर उतारू हो गया। देश के भिखमंगे शर्मिंदा होने लगे। उन्होंने फोन कर वित्त मंत्री से पूछा क्या वो अपनी लंगोटी उतार कर दे दे, या फिर अपने बच्चों का खून बेचकर कुछ चंदा इकट्ठा कर कुछ पैसे शेयर बाजार में लगाये।

No comments: